लड़का बना अंडा
धर्मेंद्र बना अंडा
"अरे"! "धर्मेंद्र यहां उदास क्यों बैठा है"? धर्मेंद्र के दोस्त राजु ने पूछा।
"28 साल का हो गया हूं, ना तो आज तक किसी से सेटिंग हुई, ना आज तक शादी हुई, अब लगता है सारी जिंदगी रंडवा के रंडवा ही रहुंगा, जिनको ठीक से चड्डी पहनना नहीं आता, उनकी चार सेटिंग और मेरी किस्मत में केवल वेटिंग ही वेटिंग। "अब सेटिंग और शादी जैसी इच्छा से, करने से पहले ही जी भर गया है यार, इसलिए हिमालय जाकर सन्यासी बन जाऊंगा"। धर्मेंद्र ने निराशा से कहा
"अरे यार"! "सेटिंग और शादी करने के लिए हिमालय जाने की जरूरत नहीं है, हिमालय से महान तपस्वी बाबा बत्तीबाज हमारे गांव में आए हैं, बहुत पहुंची हुई हस्ती दो है, तेरी सेटिंग और शादी की समस्या 1 सेकंड में खत्म कर देंगे"। राजू ने कहा
"बाबा बत्तीबाज"! "यह नाम तो मैंने बहुत बार सुना है, कहां है वह"? धर्मेंद्र ने उत्सुकता से पूछा
"अपने गांव के बाहर पेड़ के नीचे बैठे हैं"। राजू ने कहा
धर्मेंद्र अपने दोस्त के साथ बाबा बाबा बत्तीबाज के पास पहुंचता है, बत्तीबाज बाबा काले लिबास में, सर पर काला कपड़ा बांधे और गले हाथ में बहुत सी माला पहने ध्यान में बैठे हैं, बत्तीबाज बाबा की जय हो"। धर्मेंद्र ने कहा
"तेरी किस्मत है खराब"
"तु पीता है शराब"
"बीयर पीने की तेरी औकात नहीं"
"तेरी किस्मत में लड़की का साथ नहीं"
"तूने शादी करने की ठानी है"
"पर नहीं हो रही शादी, यही परेशानी है"
"बाबा आपकी बात में दम है"
"यही मेरा गम है"
"बाबा मेरी शादी नहीं तो सेटिंग करा दो"
"देसी छुड़ाकर अंग्रेजी रम पिला दो"
धर्मेंद्र ने बाबा को प्रणाम करते हुए कहा
"चिंता मत कर बालक"
"तू है बड़ा चालाक"
"मैं तेरी समस्या दूर भगा दुगां"
"जल्दी तेरी शादी करा दूंगा"
प्रेम से दोनों हाथ फैलाकर बोल, बत्तीबाज बाबा, बत्ती दो"।
"बत्तीबाज बाबा, बत्ती दो"। धर्मेंद्र ने दोनों हाथ फैला कर कहा
फिर बत्तीबाज बाबा एक पोटली धर्मेंद्र के हाथ में रखते हैं और कहते हैं -" इस पोटली में डायनासोर की भस्म है, तू जिस, किसीके सिर पर भी एक मुट्ठी भस्म डालेगा, वह उसी क्षण तेरी गर्लफ्रेंड बन जाएगी और तुझसे शादी करने का कहैगी और तू जो कहेगा, वह,वही करेंगी।
धर्मेंद्र उस पोटली को सम्मान पूर्वक अपने मस्तक से लगाता है और उसमें से एक मुट्ठी भस्म निकालकर बाबा के मस्तक पर डाल देता है।
यह देख धर्मेंद्र का दोस्त राजू कहता है -" धर्मेंद्र तू मीठा कब से हो गया, तू इस बाबा से शादी करना चाहता है "मीठे", आज से तेरी मेरी दोस्ती खत्म"।
इतने में भस्म के प्रभाव से बाबा का पूरा शरीर वाइब्रेट होने लगता है और वह बाबा धर्मेंद्र से अपने होंठ पर उंगली रख कर कहता है -"मुझसे शादी करोगे"? "मेरे जीवन साथी बनोगे"?
"मैं जब तक, यहां वापस ना आऊं, तब तक तुम यहीं बैठे रहोगे"। धर्मेंद्र ने बाबा से कहा
"जैसी आपकी, आज्ञा स्वामी"। बाबा ने लड़की के अंदाज में कहा
"धर्मेंद्र तू इतना गिरा हुआ लड़का है, तुझे अपना दोस्त कहते हुए, मुझे शर्म आती है, कहीं डूब कर मर जा, "बेशर्म"। राजू ने धर्मेंद्र से कहा
"तु कुछ ज्यादा बोल रहा है, अपनी औकात के हिसाब से बात कर"। धर्मेंद्र ने दोस्त से कहा
"अरे औकात असली मर्द की होती है, तेरे जैसे मीठे की क्या औकात"? राजू ने कहा
"चुप हो जा, नहीं तो मुझसे बुरा कोई नहीं"। धर्मेंद्र ने चेतावनी देते हुए
"नहीं तो क्या कर लेगा मीठे"? राजू ने गुस्से में कहा
फिर धर्मेंद्र और उसके दोस्त की फाइट शुरू हो जाती है, कुछ देर लड़ने के बाद धर्मेंद्र को एहसास होता है, यह भारी पड़ रहा है, इसलिए धर्मेंद्र पोटली में से एक मुट्ठी भस्म उसके सिर पर डाल देता है, सिर पर भस्म डलते ही उसका शरीर वाइब्रेट होने लगता है और वह लड़की के अंदाज में कहता है -"मुझसे शादी करोगे"? "मेरे जीवन साथी बनोगे"?
"समझा रहा था, फोकट दिमाग खराब मत कर, मुझे मीठा कह रहा था, खुद मीठा बन गया है"। धर्मेंद्र ने हंसते हुए कहा
"मुझसे शादी करोगे"? "मेरे जीवन साथी बनोगे"? राजू ने धर्मेंद्र से दोबारा पूछा
"नहीं करूंगा"। धर्मेंद्र ने जवाब दिया
"स्वामी"! "अगर तुम मुझसे शादी नहीं करोगे तो मैं मर जाऊंगी"। राजू ने लड़की के अंदाज में कहा
"मर जा"। धर्मेंद्र ने कहा
"अपने हाथ की नस काट कर मरूं या कुएं में डूब कर मरू"। राजू ने लड़की के अंदाज में पूछा
"तू मर मत, इस बाबा के पास जाकर बैठ जा और जब तक मैं वापस ना आऊं, तब तक यहीं बैठा रहना"। धर्मेंद्र ने कहा
"जैसी आपकी आज्ञा स्वामी"। राजू ने लड़की के अंदाज में कहा
धर्मेंद्र वहां से आगे बढ़ता है तो उसे गांव की लड़की काजल दिखाई देती है, जो आम के पेड़ पर पत्थर मार रही है, धर्मेंद्र उसे देख कर मन में सोचता है -"अरे यह तो अपने गांव की सबसे खूबसूरत लड़की काजल है, इसी को वश में करता हूं"।
"काजल"! यहां क्या कर रही है"?
"अरे आंख के अंधे, दिखाई नहीं देता, आम तोड़ रही हुं, तु जिंदगी भर चुतिया के चुतिया ही रहेगा"। काजल ने कहा
"मैं तुझसे इतने प्यार से बात करता हूं और तु, मुझे कालिया और चुतियां कहती है, इतना घमंड मत किया कर, कभी प्यार से बात भी कर लिया कर"। धर्मेंद्र ने समझाते हुए कहा
"इस पेड़ का क्या नाम है"? काजल ने पूछा
"आम का पेड़"।धर्मेंद्र ने जवाब दिया
"जब आम के पेड़ को आम का पेड़ कहा जाता है, तो तेरे जैसे चुतिया को चुतिया ही कहा जाएगा ना, चल जा यहां से"। काजल ने धिक्कारते हुए कहा
"तुझे अपने गोरे रंग पर बहुत घमंड है ना, अभी तूने मेरा पावर नहीं देखा है, आने वाले दिनों में तेरे जैसी 50 लड़की, मेरे आगे पीछे घूमेगी"। धर्मेंद्र ने उत्साह से कहा
"अबे काले जामुन, 28 साल का हो गया है, तुझसे गांव की एक भेंस भी ना पटी है और तु मुझे पटाने की सोचता है भालू"। काजल ने कहा
"अब तुम चाहे कालू कहो या भालू पर शादी तो तुम्हें मुझसे ही करनी पड़ेगी और वह भी हाथ जोड़कर"।धर्मेंद्र ने साहस से कहा
"अरे तुझसे तो मेरे मोहल्ले की कुतरी भी शादी ना करें और इस बात को मैं हाथ जोड़कर नहीं, लात मारकर कह सकती हूं। काजल ने लात मारते हुए कहा
"तूने, मुझे लात मारी, अब शादी के लिए तुझे तो क्या"? "तेरे बाप को भी हां करनी पड़ेगी"।
"लात खाकर अकल नहीं आई, अब कुछ बोला तो पत्थर से तेरा सिर फोड़ दूंगी"।
धर्मेंद्र अपने मन में विचार करता है -"इस घमंडी लड़की को अभी सबक सिखाना पड़ेगा, इसे मैं अपनी सेटिंग नहीं, अपनी गुलाम दासी बनाउगां, इसलिए इस पर एक मुट्ठी भस्म नहीं, एक मुठठा भस्म डालता हूं"।
काजल जैसे आम उठाने के लिए नीचे झुकती है, धर्मेंद्र उस के सिर पर एक मुठठा भस्म भरकर डाल देता है, काजल के खुले बाल भस्म से भर जाते हैं, जिस कारण वह डरावनी लगती है फिर वह धर्मेंद्र की और देखकर हंसती है और धर्मेंद्र के गाल पर एक तमाचा मारते हुए कहती है -"कुत्ते तूने मेरे बाल खराब कर दिए, मैं आज तेरी जान ले लूंगी"।
और धर्मेंद्र को पीटने लगती है, बड़ी मुश्किल से धर्मेंद्र वहां से भागने में कामयाब होता है और एक पेड़ के नीचे भैंस के पास में आकर छुप जाता है और कहता है -"बाल-बाल बच गया, नहीं तो आज तो निपट ही जाता, बत्तीबाज बाबा ने बत्ती दे दी यार, उस भस्म से पुरुष वश में हो रहे हैं, लड़की नहीं, इसलिए इस भस्म को फेंक देता हूं और यही थोड़ी देर आराम करता हूं"। धर्मेंद्र ने भस्म फेंकते हुए कहा
फिर धर्मेंद्र आंखें बंद कर वही लेट जाता है, कुछ देर बाद धर्मेंद्र के कानों में एक लड़की की मधुर आवाज सुनाई पड़ती है।
"मुझसे शादी करोगे"? "मेरे जीवन साथी बनोगे"?
धर्मेंद्र धर्मेंद्र अपने मन में सोचता है काजल वश में हो गई और आंखें खोल कर देखता है तो उसके सिर के ऊपर भैंस खड़ी है और वह कह रही है -"मुझसे शादी करोगे"? "मेरे जीवन साथी बनोगी"?
क्योंकि धर्मेंद्र ने जो भस्म फेंकी थी वह भैंस के सिर पर ढुल गई थी 😀😀
"अरे बाप रे यह भैंस तो बोलने लग गई"। धर्मेंद्र ने चौकंते हुए कहा।
"फिर वह वहां से उठता है और अपने मन में विचार करता है -" कि बाबा बत्तीबाज की भस्म लड़कों को वश में कर रही है, भैंस को भी वश में कर रही है तो इसका असर काजल पर क्यों नहीं हुआ, यह बात तो बत्तीबाज बाबा ही बता सकता है, उसी के पास जाता हूं"।
धर्मेंद्र जाने के लिए आगे बढ़ता है तो भेंस भी उसके पीछे-पीछे चलने लगती है, वह जिधर जाता है, उधर भैंस उसके पीछे लगी रहती है फिर वह थका हारा भैंस के साथ बाबा बत्तीबाज के पास आता है, जहां बाबा और उसका दोस्त राजू धर्मेंद्र के इंतजार में बैठे हैं, धर्मेंद्र हांपता हांपता उनके पास आकर बैठ जाता है।
"स्वामी आप पसीने में तरबतर हो रहे हो, आपको थोड़ी हवा कर दूं"। बाबा ने लड़की के अंदाज में कहा
"हां कर दो यार, सास फूल रही है"। मेरी धर्मेंद्र ने कहा
"स्वामी आप काफी थके हुए लग रहे हो, आपके पैर दबा दूं"। दोस्त राजू ने लड़की के अंदाज में कहा
अब बाबा धर्मेंद्र के सिर पर हवा कर रहा है और उसका दोस्त राजू पैर दबा रहा है, तभी वह भैंस कहती है
" स्वामी चल चल कर आपकी कमर अकड़ गई है, मैं आपकी कमर दबा दूं"।
"हां दबा दें, अरे नहीं, नहीं,! "मेरी जान लेगी क्या तु"? "मेरी कमर पर पाऊं रखोगी तो मेरी कमर टूट जाएगी, तुम रहने दो"। धर्मेंद्र में समझाते हुए कहा
"मैं पैरों से नहीं, अपने नाजुक हाथों से आपकी कमर दबाऊंगी"। भैंस ने प्यार से कहा
"तुम्हारे हाथ कहां है"? धर्मेंद्र ने आश्चर्य से पूछा
"यह आगे दो हाथ और पीछे दो पैर हैं"। भैंस ने शर्माते हुए कहा
"अरे यह भैंस तो मेरी जान लेने पर तुली है, मुझे तो इसके हाथ और पैरों में कोई फर्क नजर नहीं आता है, मुझे इसे वशीकरण से मुक्त करना होगा, नहीं तो यह आज मेरी कमर तोड़ डालेगी पर इसे कैसे वशीकरण से मुक्त करूं"? "यह बाबा तो लड़की बन गया है और सब कुछ भूल गया है, क्या करूं? क्या करूं? हममममम,,,,,, "इसका झोला चेक करता हूं, उसमें जरूर कुछ ना कुछ होगा"। धर्मेंद्र ने उठकर अपने मन में सोचा
फिर धर्मेंद्र बाबा के झोले को खोलता है तो उसे एक किताब मिलती है, जिसे वह खोलकर पड़ता है जिसमें कई जादू लिखे हुए हैं जैसे
सोने की खेती करने का जादू
पेड़ से नोट की बारिश करने का जादू
हवा में उड़ने का जादू
मनुष्य को पागल करने का जादू
लड़की को वश में करने का जादू
वशीकरण मुक्त करने का जादू
आखिर उस किताब में से वशीकरण मुक्त करने का जादू मिल जाता है फिर धर्मेंद्र अपने मन में मंत्र बोलकर अभिमंत्रित जल उस भैंस पर डालता है तो वह भैंस उसी क्षण एक सुंदर लड़की बन जाती है, यह देख धर्मेंद्र आश्चर्य से कहता है -"अरे यह भैंस तो लड़की बन गई, अरे यार मैंने की गलती से लड़की बनाने वाला मंत्र बोल दिया, चलो अच्छा ही किया, अब मैं इसी से शादी करूंगा"।
"इतने में भैंस का मालिक लालू, अपनी भैंस को ढूंढते ढूंढते धर्मेंद्र के पास आता है और उससे पूछता है -"धर्मेंद्र तूने मेरी भैंस देखी है"?
"हां"! "यह खड़ी"। धर्मेंद्र ने फटाक से लड़की की तरफ इशारा करते हुए कहा
"कहां खड़ी है"? "यह तो लड़की है"। लालू ने कहा
"अरे, मेरा मतलब है मैंने नहीं देखी, मैंने तो मजाक किया था"। धर्मेंद्र ने बात पलटते हुए कहा
1लाख की भैंस है, कोई मजाक नहीं है, मुझे लगता है किसी ने चोरी कर ली है, अगर शाम तक मेरी भैंस नहीं मिली तो तुम तीनों के नाम की रिपोर्ट लिखा दूंगा क्योंकि मुझे तुम तीनों पर शक हो गया है"। लालू ने स्पष्ट कहा
"मेरे स्वामी ठीक कह रहे हैं, यह लड़की ही तुम्हारी भैंस है, मेरे जादूगर स्वामी ने अभी अपने जादू से तुम्हारी भैंस को लड़की बनाया है"। बाबा ने लड़की के अंदाज में लालू को बताया
"अरे यह बाबा लड़की के अंदाज में क्यों बोल रहा है"? "ओ ढोंगी बाबा, तुमने क्या मुझे पागल समझ रखा है"? "सच-सच बता दो, मेरी भैंस कहां है"? "नहीं तो अभी पुलिस को बुलाता हूं"।
"चिकने बताया तो सही, तेरी भैंस को मेरे स्वामी ने लड़की बना दिया है, यह लड़की ही तेरी भैंस है"। राजू ने लड़की के अंदाज में कहा
"तुम सभी मुझे बेवकूफ बना रहे हो, रुको, अभी पुलिस को फोन लगाता हूं, जब पुलिस के डंडे पड़ेंगे तो तुम सच बताओगे"।
"अरे यार लालू, फोकट में क्यों पुलिस का लफड़ा करता है , यह लड़की ही तेरी भैंस है और इसमें तो तेरा फायदा है, तेरी शादी नहीं हुई, जा इसे ले जा और शादी कर ले, मैं तो कुंवारा ही ठीक हूं"। धर्मेंद्र ने दर्द भरे शब्दों में कहा
लड़की तो ₹500 में मिल जाती है पर भैंस ₹1 लाख बिना नहीं मिलती या तो ₹1 लाख दो या फिर भैंस दो, हेलो स्पेक्टर भूलभूल पांडे, मेरी भैंस चोरी हो गई है, चुंबन के खेत पर आ जाओ "।लालू ने इस्पेक्टर को फोन लगाते हुए कहा
फिर धर्मेंद्र लड़की की परिक्रमा करते हुए उसे बड़े प्यार से देखता है और उसके मन में यह गीत बजता है
ताकंते रहते तुझको सांझ सवेरे,,,,
इतने में इस्पेक्टर भूलभूल पांडे आ जाता है और आते ही भैंस मालिक लालू के पैरों में 2 घंटे मारता है और पूछता है "बता भैंस कहां है"?
"अरे स्पेक्टर साहब मेरी भैंस चोरी हुई है, मैंने ही आपको बुलाया है"। लालू ने बताया
"यूं ही नहीं मुझे इस्पेक्टर भूलभूल पांडे कहते हैं, पानी में नमक जाता है घुल और मैं जाता हूं भूल, तुम मै से जिसने भी इसकी बकरी चुराई है, उसे वापस दे दो, नहीं तो पांडे के डंडे पड़ेंगे"।
"बकरी नहीं भैंस, इस्पेक्टर साहब "।लालू ने बताया
"यूं ही नहीं मुझे स्पेक्टर भूलभूल पांडे कहते हैं, पानी में नमक जाता है घुल और मैं जाता हूं भूल, बताओ किसने इसका बकरा चुराया है"।
"बकरा नहीं इस्पेक्टर साहब, भैंस"। लालू ने सिर ठोकते हुए कहा
"यूं ही नहीं मुझे इस्पेक्टर भूलभूल पांडे कहते हैं, पानी में नमक जाता है घुल और मैं जाता हूं भूल, बताओ किसने इसका बकरी का बच्चा चुराया है"।
"बकरी का बच्चा नहीं इस्पेक्टर साहब, भैंस"। लालू ने सर ठोकते हुए कहा
"यूं ही नहीं मुझे इस्पेक्टर भूलभूल पांडे कहते हैं, पानी में नमक जाता है घुल और मैं जाता हूं भूल"।
पर इस बार यह डायलॉग इंस्पेक्टर नहीं, वहां मौजूद सभी ने एक साथ कहा, क्योंकि उनको भी अच्छे से याद हो गया था
अपने डायलॉग को दूसरों के मुंह से सुनकर स्पेक्टर भूलभूल पांडे गुस्सा हो जाता है और वह कहता है।
" इस्पेक्टर भूलभूल पांडे की नकल करते हो, तुम सबको इस गुस्ताखी की सजा मिलेगी, सभी लाइन से खड़े हो जाओ और मुर्गा बन जाओ"।
"सभी मुर्गा नहीं बन सकते स्पेक्टर साहब, यह मेरी सेटिंग लड़की है, इसलिए यह मुर्गी बनेगी"। धर्मेंद्र ने कहा
"वेरी नाइस जोक्स पर स्पेक्टर भूलभूल पांडे को जोक्स से सख्त नफरत है क्योंकि पानी में नमक जाता है घुल और में जोक्स जाता हूं भूल"। स्पेक्टर ने धर्मेंद्र के पैर में डंडा मारते हुए कहा
डंडे की मार से धर्मेंद्र नीचे उस जादुई किताब पर गिर जाता है, वह किताब धर्मेंद्र के मुंह के नीचे पड़ी है और उस पर आदमी को अंडा बनाने का जादू लिखा है, धर्मेंद्र वह जादू पढ़ लेता है और कहता है -"इंसान को मुर्गा किसी का बाप नहीं बना सकता है पर मैं इंसान को अंडा जरूर बना सकता हूं"।
"स्पेक्टर भूलभूल पांडे को चैलेंज बहुत पसंद है, अगर तुम मुझे अंडा नहीं बना पाया तो, मैं, तुझे डंडे से पीट-पीटकर डंडा जरूर बना दूंगा, चल मुझे डंडा बना कर दिखा"।
"डंडा नहीं इस्पेक्टर साहब अंडा"। लालू ने अपने बाल नोचते हुए फिर कहा
"यूं ही नहीं मुझे इस्पेक्टर भूलभूल पांडे कहते हैं, पानी में नमक जाता है घुल और मैं जाता हूं भूल"।
एक बार फिर सभी ने इस्पेक्टर के बोलने से पहले ही एक साथ कहा।
"स्पेक्टर भुलभुल पांडे के डायलॉग की नकल करना बहुत बड़ा जुर्म है, पहले तुम मुझे अंडा बना कर दिखाओ फिर तुझे सबक सिखाता हूं"। इंस्पेक्टर ने गुस्से में कहा
"ठीक है, तुम भी इनके लाइन में खड़े हो जाओ"। धर्मेंद्र ने कहा
स्पेक्टर लाइन में खड़ा हो जाता है फिर धर्मेंद्र वंहा पड़ा पानी से भरा मिट्टी का घड़ा उठाता है और मन में मंत्र पड़ता है और एक साथ सभी पर पानी उड़ेल देता है।
जैसे ही जिस पर पानी पड़ता है, वह अंडा बन जाता है और देखते ही देखते, वहां सभी एक एक कर, अंडा बन जाते हैं और उन सभी अंडों पर उनके नाम लिखा जाते हैं जैसे।
इस्पेक्टर
भैंस
तांत्रिक
लालू
राजू
यह देख धर्मेंद्र हंसते हुए कहता है -"चलो इन सब से जान छुट्टी, नहीं तो आज मैं पागल हो जाता, अब इन पांचों अंडों के आमलेट बना कर खा लूंगा"।
तभी अचानक धर्मेंद्र का पैर फिसल जाता है और वह मिट्टी का घड़ा उस पर गिर पर फूट जाता है और वह अभिमंत्रित जल उस पर भी गिर जाता है और
और
ओर
ओर
और
वह भी अंडा बन जाता है😀😀🙏🙏
madhura
27-Sep-2023 10:09 AM
Amazing
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Gunjan Kamal
25-Sep-2023 10:36 AM
👌👏
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